English to Hindi Translation :-Here are some paragraphs of English, with their help you can easily convert English into Hindi.
English to Hindi Translation
‘We reap what we Sow’
‘हम वही काटते हैं जो हम बोते हैं
No:-1. Once, Shiva and Parvati were taking a stroll in the sky. Parvati saw a mahout guiding an elephant through the forest, and many creatures on the way were getting trampled. Seeing this, Parvati asked Shiva: “O Lord, you have explained to me how karmic principles work. However, I am not able to understand who will face the consequence of killing the creatures — the elephant or the mahout who is guiding it?”
एक बार शिव और पार्वती आकाश में भ्रमण कर रहे थे। पार्वती ने देखा कि एक महावत एक हाथी को जंगल में ले जा रहा है और रास्ते में कई जीव-जन्तु कुचले जा रहे हैं। यह देखकर, पार्वती ने शिव से पूछा: “हे भगवान, आपने मुझे समझाया है कि कर्म सिद्धांत कैसे काम करते हैं। हालाँकि, मैं यह नहीं समझ पा रहा हूँ कि प्राणियों की हत्या का परिणाम किसे भुगतना पड़ेगा – हाथी को या महावत को जो उसे निर्देशित कर रहा है?
No:-2. Shiva replied: “Dear Parvati, the sin of killing the creatures will be accrued neither to the elephant nor to the mahout. In fact, the sin will be credited to your account because you are reflecting too much on the sins committed by others.” Therefore, it is advisable not to focus on the wrongdoings of others, or else we will also become a party to their actions. People reap what they sow. In fact, we should guard ourselves against committing sin.
शिव ने उत्तर दिया: “प्रिय पार्वती, प्राणियों की हत्या का पाप न तो हाथी को लगेगा और न ही महावत को। वास्तव में, पाप आपके खाते में जमा किया जाएगा क्योंकि आप दूसरों द्वारा किए गए पापों पर बहुत अधिक विचार कर रहे हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि दूसरों के गलत कामों पर ध्यान न दें, नहीं तो हम भी उनके कार्यों में भागीदार बन जाएंगे। लोग वही काटते हैं जो वे बोते हैं। दरअसल, हमें खुद को पाप करने से बचाना चाहिए।
No:-3. It is difficult to know when, and in what form, we will have to pay for our karmas. The fruits of some karmas are borne immediately, just like water quenching thirst. There are some karmas, the effects of which are felt later, maybe after a few days, weeks, months, or decades. Sometimes, karmic debts are carried over to the next birth.
यह जानना कठिन है कि हमें अपने कर्मों का फल कब और किस रूप में भुगतना पड़ेगा। कुछ कर्मों का फल तुरन्त मिलता है, जैसे पानी से प्यास बुझती है। कुछ कर्म ऐसे होते हैं जिनका प्रभाव बाद में, शायद कुछ दिनों, हफ्तों, महीनों या दशकों के बाद महसूस होता है। कभी-कभी, कर्म ऋण अगले जन्म तक ले जाया जाता है।
No:-4. This is specifically true for those actions performed with desire and ego. The Bhagwad Gita says that just as there is smoke in every fire, every action has a repercussion. Maybe the wrongdoers, who seem to be enjoying life, are actually enjoying the fruits of good deeds they performed in the past, and they are yet to face the consequences of their present bad deeds. It could also be that they are already experiencing the fruits of their sinful acts, but we are not able to see it.
यह इच्छा और अहंकार के साथ किए गए कार्यों के लिए विशेष रूप से सच है। भगवत गीता कहती है कि जिस तरह हर आग में धुआं होता है, उसी तरह हर क्रिया का एक परिणाम होता है। हो सकता है कि गलत काम करने वाले, जो जीवन का आनंद ले रहे हैं, वास्तव में वे अतीत में किए गए अच्छे कर्मों का फल भोग रहे हैं, और उन्हें अभी भी अपने वर्तमान बुरे कर्मों के परिणामों का सामना करना बाकी है। यह भी हो सकता है कि वे पहले से ही अपने पाप कर्मों का फल भोग रहे हों, लेकिन हम इसे देख नहीं पा रहे हों।
‘We reap what we Sow’’
‘अपने प्यार से बात करें’
Tiruchi Siva, Member of Parliament, writes about how he regrets not expressing his deep feeling of love and gratitude to his dear spouse while she was alive…..
संसद सदस्य, तिरुचि शिवा लिखते हैं कि कैसे उन्हें अपनी प्रिय पत्नी के जीवित रहते हुए उनके प्रति प्यार और कृतज्ञता की गहरी भावना व्यक्त न कर पाने का अफसोस है…
No:-1. My dear wife suddenly left me in the lurch after our being together for 33 years. Who took her away from me? That treacherous disease, Cancer. In the initial days of our married life, her only ornament was her beautiful smile, for she gave up her jewelry to support us. All through life’s ups and downs and political upheavals, she was always by my side, a pillar of strength. When our three children were born, I could not be by her side due to my engagements with by-election campaigns, propaganda tours, and agitations as an opposition party worker.
33 साल साथ रहने के बाद मेरी प्रिय पत्नी ने अचानक मुझे बेसहारा छोड़ दिया। कौन उसे मुझसे दूर ले गया? वह घातक बीमारी, कैंसर। हमारे वैवाहिक जीवन के शुरुआती दिनों में, उसका एकमात्र आभूषण उसकी सुंदर मुस्कुराहट थी, क्योंकि उसने घर को सपोर्ट देने के लिए अपने आभूषण तक का त्याग कर दिया था। जीवन के सभी उतार चढ़ाव और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, वह हमेशा मेरे साथ थी, शक्ति का एक आधार बनकर। जब हमारे तीन बच्चे पैदा हुए, तो विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में उप-चुनाव अभियानों, प्रचार यात्राओं और आंदोलनों में व्यस्त होने के कारण मैं उसके साथ नहीं रह सका।
No:-2. I recall with nostalgia the festival and functions celebrated at my home filled with relatives and friends; all because of the initiative taken by my wife and her generous hospitality. But all these things which I am sharing with you now, I never expressed to her; though these feelings were there inside me. I wish I had spoken out and appreciated her generosity and kindness, love and affection! What kept me from speaking out? Was it my ego? Or ignorance?
बहुत दुख के साथ मुझे याद आते हैं वो त्योहार और समारोह जो मेरे रिश्तेदारों और दोस्तों से भरे मेरे घर पर मनाए जाते थे; यह सब मेरी पत्नी की पहल और उसकी उदार आतिथ्य सत्कार के कारण होता था। लेकिन ये सब बातें जो मैं आपके साथ अब साझा कर रहा हूं, मैंने उसे कभी व्यक्त नहीं किया; हालांकि ये भावनाएं मेरे अंदर थीं। काश मैंने उससे कहा होता और उसकी उदारता और दया, प्रेम और स्नेह की बातों की सराहना की होती! ये कहने से मुझे किसने दूर रखा? क्या यह मेरा अहंकार था? या अज्ञानता?
No:-3. Some may defend me saying that a busy politician’s life might not have given time for such things. I strongly reject this, for it is quite illogical to say that one did not find even ten minutes in one’s married life of 32 years to speak to his wife of her special qualities and thank her. It is not only food that becomes useless if belatedly used, even words like ‘Sorry’, ‘Thanks’, and ‘Love’ lose their meaning if not uttered at the right moment. Despite having learned and realized a lot all through life, I strongly feel I have failed in one of my important duties.
कोई यह कहकर मेरा बचाव कर सकता है कि एक व्यस्त राजनेता की जिंदगी ऐसी चीजों के लिए समय नहीं निकाल सकती थी। मैं दृढ़ता से इसे अस्वीकार करता हूं, क्योंकि यह कहना काफी तर्कहीन है कि किसी को अपनी पत्नी के विशेष गुणों के बारे में बात करने और उसका शुक्रिया अदा करने के लिए 32 साल के वैवाहिक जीवन में दस मिनट का भी समय नहीं मिला। जिस तरह से भोजन का महत्व खत्म हो जाता है अगर समय के बाद मिले, उसी तरह से “सॉरी”, “थैंक्स” और “लव” जैसे शब्द भी महत्वहीन हो जाते हैं यदि समय पर न बोलें जायें तो। अपनी पूरी जिंदगी में इस बात को पूरी तरह समझने और महसूस करने के बावजूद, मैं अंर्तमन से महसूस करता हूं कि मैं अपने महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक में विफल रहा हूं।
No:-4. Had I once, at least one day, during our lifetime told her that I had reached such heights with her co-operation; that a confusing problem was resolved by her; or that her company had helped me to cross a difficult time; and how she had lightened my moments of mental agony; that her assistance by being nearby at times of odds had emboldened me, how happy she would have been! I am certain that even heaps of money would not have given her delight and pleasure which my simple words would have.
अगर मैंने एक बार, कम से कम एक दिन ही कभी, पूरे जीवनकाल के दौरान उसे बताया होता कि कैसे मैं इन ऊंचाइयों तक उसके सहयोग की वजह से पहुंचा था; कि कैसे मेरी किसी कन्फ्यूजिंग समस्या का उसके द्वारा हल किया गया; या कैसे उसके साथ ने मुझे कठिन समय पार करने में मदद की: और कैसे उसने मेरी मानसिक पीड़ा को हल्का कर दिया था; कि कैसे बुरे वक्त में मेरे साथ रहने से जो उसका साथ मुझे मिला उसने मुझे बेइन्तहाँ हिम्मत दिया, तो कितनी खुश हुई होती वो ! मुझे विश्वास है कि पैसों के ढेर ने भी उसे कभी इतनी खुशी और प्रसन्नता नहीं दी होती, जो मेरे ये सरल शब्द दे देते।
No:-5. I was in Ooty that day addressing a public meeting when I got the news that her health condition was deteriorating. On my way back, I was thinking that at least that day I should reveal to her all that is in my heart, waiting to express. She was at the hospital just alive but without consciousness. The doctors after all their efforts said they were helpless. I bent down close to her ears and called her ‘Devi’ as I used to call her, though her name was ‘Devikarani’. On my third call, her eyebrows raised as if asking ‘What’ and next second; a teardrop trickled down from the right eye. I was totally broken.
मैं उस दिन ऊटी में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित कर रहा था, जब मुझे ये समाचार मिला कि उसका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। वापस आते हुए, मैं सोच रहा था कि कम से कम उस दिन मुझे उसे बताना चाहिए जो कुछ भी मेरे दिल में है, वो बातें जो इंतजार में हैं व्यक्त किए जाने के। वह अस्पताल में बस जीवित मात्र ही थी लेकिन बिना चेतना के। डॉक्टरों ने अपने सभी प्रयासों के बाद कहा कि वे मजबूर हैं। मैं उसके कानों के करीब गया और उसे ‘देवी’ कहकर बुलाया, जैसा कि मैं उसे पुकारता था। मेरी तीसरी बार उसका नाम पुकारने पर उसकी भौवें थोड़ी उठ गईं, मानो पुछ रही हो ‘क्या’ और अगले ही पल एक आँसू की बूँद दायी आँख से टपक गई। मैं पूरी तरह से टूट गया था।
No:-6. Sobbing, I lamented not speaking enough to her, of not expressing my deep love for her and for not telling her how grateful I am for all that she has done for me and for all the times when she stood by me. Today, I sit before her portrait and cry my heart out. Dear friends! I appeal to each one of you, to please speak to your partner about how much you value their companionship, kindness, sense of responsibility, patience, and greatness. Don’t miss the opportunity to do so as I have. Please speak to your near and dear one. Please speak to your love.
फूट-फूट कर रोते हुए, मुझे उससे ज्यादा बात न कर पाने का अफसोस हुआ, उससे अपना गहरा प्यार व्यक्त न कर पाने का दुख हुआ और उसे ये न कह पाने का कि मैं उसका कितना आभारी हूँ, उन सब चीजों के लिए जो उसने मेरे लिए की हैं और उन सभी पलों के लिए जब उसने मेरा साथ दिया, आज, मैं उसकी तस्वीर के सामने बैठता हूँ और बयाँ करता हूँ जो भी दर्द मेरे दिल में है। दोस्तों, मैं आप सभी से अपील करता हूं, कृपया अपने पार्टनर से जरूर व्यक्त करें कि आप उनके साहचर्य, दयालुता, जिम्मेदारी, धैर्य और महानता को कितना महत्व देते हैं। मेरी तरह आप इस अवसर को मत खोइएगा । अपने प्रेम को बयाँ करें।
Stanza No. 3
No:-1. This morning when I was leaving for work by my Mercedes, it seemed for a while as if that 10 years old moment again came to the fore when I had witnessed a glittering Mercedes coming out of a beautiful bungalow in Lajpat Nagar, and at that instance, in my longing eyes, there was as if a dream to achieve that status. “I wish I also had this much money. I would have been able to build a luxurious house for my parents. I would have been able to buy such a luxurious car.”, I thought.
आज सुबह जब मैं अपनी मर्सिडीज़ से ऑफिस जाने के लिए निकल रहा था, तो एक बार को लगा मानो 10 साल पुराना वो पल फिर से सामने आ गया हो जब लाजपत नगर में मैंने एक चमचमाती मर्सिडीज़ को एक खूबसूरत बंगले से बाहर निकलते हुए देखा था, और उस एक पल में मेरी तरसती आंखों को मानो उस रूतबे को पाने का ख्वाब सा था। “काश मेरे पास भी इतना पैसा होता। मैं अपने मम्मी पापा के लिए एक आलीशान घर बना पाता। मैं एक ऐसी ही शानदार कार खरीद पाता।”, मैंने सोचा।
No:-2. Those days, I had no idea how much that car would cost and how much that house would have cost one; but yes, this “kaash” is a wonderful word. If it makes a stronghold in your brain, nothing remains impossible. Isn’t it called the law of attraction? Yes, it is! If you crave for something with extreme obsession, you undoubtedly achieve it, but yes, the desire should be firm like a rock.
उन दिनों तो मुझे ये भी नहीं पता था कि वो कार कितने की थी और वो घर कितने का बना होगा; पर हाँ, ये “काश” बहुत ही कमाल का शब्द है। अगर ये आपके दिमाग में एक मजबूत जगह बना ले तो कुछ भी नामुमकिन नहीं रह जाता। इसी को तो आकर्षण का नियम कहते हैं न? हाँ, बिल्कुल! यदि आप बहुत ज्यादा जुनून के साथ किसी चीज के लिए तरसते हैं, तो उसे आप निस्संदेह प्राप्त कर लेते हैं, पर हां, इच्छा एक चट्टान की तरह दृढ़ होनी चाहिए।
No:-3. Today, I realize if I want to give credit for all my achievements to any one thing, which has brought me here to this level, it is English. My passion for learning, regardless of day and night, never thought of what the world would say; I just gave everything to it in order to pursue what I longed for.
आज मुझे महसूस होता है कि मेरी सभी उपलब्धियों का श्रेय अगर मैं किसी एक चीज़ को देना चाहूँ, जिसने मुझे यहाँ तक पहुँचाया है, तो वो है इंग्लिश। इंग्लिश सीखने का मेरा जुनून, दिन और रात से बेपरवाह, दुनिया क्या बोलेगी कभी सोचा नहीं; बस जो पाने की ख्वाहिश दिल में थी, मैंने उसे पाने के लिए जी जान लगा दी।
No:-4. Annoyed my friends and family for almost 2 years, imprisoned myself in the walls of the house, spent the whole day in English books, English newspapers, English movies, English songs; it was my world. I swear, the two years that I sacrificed, all credit goes to that only. . Hadn’t I learned English then, and if I had valued others more than myself, how could I be here?
करीब 2 साल अपने दोस्तों और परिवार वालों को नाराज किया, अपने आप को घर की चारदीवारी में कैद सा कर लिया, दिन भर इंग्लिश की किताबें, इंग्लिश न्यूजपेपर, इंग्लिश मूवीज, इंग्लिश सॉन्ग्ज में घुसा रहा; बस यही मेरी दुनिया थी। कसम से, वो दो साल जो मैंने सैक्रीफाइस किया, आज ये सब उसी की बदौलत है। अगर मैंने उस वक्त इंग्लिश नहीं सीखी होती, और अगर दिन दुनिया की परवाह की होती, तो आज यहाँ कैसे पहुँच पाता?
No:-5. Now, I have my own house, cars, mom dad are proud of me, we celebrate everyone’s birthday, anniversary with pomp, I invest a lot of money in such small but valuable moments, bring lots of gifts and make these moments memorable.
आज मेरा खुद का घर है, गाडियाँ हैं, मम्मी पापा को मुझ पर गर्व है, हम परिवार के हर व्यक्ति का बर्थडे, हर सालगिरह धूमधाम से मनाते हैं, मैं इन छोटी छोटी पर कीमती खुशियों पर खूब पैसे लगाता हूँ, खूब गिफ्ट्स लाता हूँ और इन पलों को यादगार बना देता हूँ।
No:-6. How changed the time is now! It feels really awesome. I drive on the same roads, but now it differs. Those days, I used to go office by bus, now I travel by my own Mercedes; Then, I used to work for someone else, now; I have people working for me in my own office. It’s true that most of the people love me because of my money. But whatever it is, it is amazing and I wanna live it.
कितना बदल चुका है अब वक्त! बहुत अच्छा महसूस होता है। मैं उन्हीं रास्तों से गुजरता हूँ, पर अब फर्क है। उन दिनों मैं बस से ऑफिस जाता था, आज अपनी खुद की मर्सिडीज़ से जाता हूँ; कल किसी दूसरे के लिए काम करता था, आज अपने खुद के ऑफिस में काम करवाता हूँ। ये सच है कि ज्यादातर लोग मुझे मेरे पैसे की वजह से पसन्द करते हैं। पर जो भी हो, ये कमाल का है और मैं इसे जीना चाहता हूँ।
No:-7. Twenty years from now you will be more disappointed by the things you didn’t do than by the things you did, so throw away the rope that tied you to your boat, that is, give up your safe and normal life, and take your boat to safe harbor. Get out of your comfort zone and just like a boat moves forward in the sea facing the gusts of sea breeze, move forward facing the difficulties of life. Find your goal, dreams. Look and complete it and bring it to light.
अभी से बीस साल बाद आप उन चीजों के लिए ज्यादा निराश होंगे जो आपने नहीं की बजाय उसके जो आपने की, इसलिए अपनी बंधी हुई नाव की रस्सी को फेंक दो मतलब अपने सुरक्षित और सामान्य से जीवन को त्याग दो, और अपनी नाव को सुरक्षित बंदरगाह से बाहर निकालो, मतलब अपने कम्फर्ट ज़ोन(comfort Zone)से बाहर निकलो और जिस तरह नाव, समुद्री हवाओं के झोंकों का सामना करते हुए समुद्र में आगे बढ़ता है उसी तरह जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हुए आगे बढ़ो अपने लक्ष्य को ढूँढों, सपने देखो और उसे पूरा कर प्रकाश में लाओ।